Wednesday 28 April 2021

इच्छाशक्ति जगाए रखना

यह समय बड़ा ही मुश्किल है
भारी  भारी  सा  हर  पल   है
तुम ईश का ध्यान लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

युद्ध  बड़ा  जब  लड़ना  हो
ताकतवर से जब भिड़ना हो
तुम पूरा जोर लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब गति हृदय की बढ़ जाए
जब श्वास श्वास पर चढ़ जाए
जीने की आस लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब मन का सूरज घटता हो
और डर का साया बढ़ता हो
अपनों को गले लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब समय उचित आ जाता है
दानव  का  वध  हो  जाता  है
बस मानव धर्म बचाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

अमित 'मौन'

अधूरी कविता

इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...