Wednesday 27 May 2020

कुछ बातें

दिया गया दान और किया गया स्नेह कभी वापस नही माँगा जाता।

समुद्र का पानी और माँ का प्यार कभी नापा नही जा सकता।

अध्यापक का ज्ञान और आपका आत्मसम्मान कोई चुरा नही सकता।

टूटता हुआ तारा और भागता हुआ समय किसी के लिए नही रुकता।

बीता हुआ मौसम और दिया गया दुःख लौटकर जरूर आते हैं।

हवा की रफ्तार और ईश्वर की मार कभी दिखाई नही देती।

अमित 'मौन'

Tuesday 19 May 2020

चार बातें

चार बातें असल में सिर्फ़ चार बातें नही होती। चार बातों में बहुत सी बातें छिपी होती हैं। चार बातों की तह में जाने पर कई परतें खुलती हैं और फ़िर इन्ही चार बातों से लोग कितनी बातें बनाते हैं।

किसी से चार बातें कर लेने से मन हल्का हो जाता है।
किसी की चार बातें सुनकर कोई छोटा नही हो जाता।

सांत्वना भरी चार बातें किसी की ज़िंदगी बचा लेती हैं।
इधर-उधर की चार बातें किसी का जीना मुहाल कर देती हैं।

हँस कर चार बातें कर ली तो कोई तुम्हारा नही हो गया।
चार बातें बोलकर किसी को रुलाने का तुम्हें कोई हक नही।

दो लोग मिल बैठ कर चार बातें कर लें तो किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है।
दो लोगों की चार बातें जीवन की दिशा और दशा बदल देती हैं।

अमित 'मौन'

Thursday 14 May 2020

है इश्क़ अग़र

है इश्क़ अगर तो जताना ही होगा
दिलबर को पहले बताना ही होगा

पसंद नापसंद की है परवाह कैसी
तोहफ़े को पहले छुपाना ही होगा

धड़कन हृदय की सुनाने की ख़ातिर
उसको गले तो लगाना ही होगा

आँखों ही आँखों में जब हों इशारे
ओ पगली लटों को हटाना ही होगा

छूकर तुम्हें अब है महसूस करना
होठों को माथे लगाना ही होगा

ख़्वाबों को रस्ता देने की ख़ातिर
नींदों को रातों में आना ही होगा

मज़ा बेक़रारी का लेना अगर हो
मिलन के पलों को घटाना ही होगा

अमित 'मौन'

PC - Google

Saturday 2 May 2020

अनुभव

जीवन की वृहद यात्रा के दौरान मनुष्य विविध प्रकार की परिस्थितियों से गुजरता है। कई प्रकार के सुख-दुःख, उतार-चढ़ाव मनुष्य को ढेर सारे खट्टे-मीठे अनुभव प्रदान करते हैं। अबोध बालक से अनुभवी वृद्ध तक का सफ़र तय करते हुए हम परिपक्वता की ओर बढ़ते चले जाते हैं। समय के बदलते चक्र के साथ हमें स्वयं में भी आवश्यक परिवर्तन लाना पड़ता है। जीवन यापन के इस क्रम में कुछ महत्वपूर्ण बातें हैं जो इस यात्रा को सुगम बनाने में हमारा सहयोग करती हैं।

जैसे: 

जैसे बार बार की जाने वाली ग़लती आदत कहलाती है वैसे ही बार बार की जाने वाली शिक़ायत अर्थहीन हो जाती है।

समझदार और चालाक में बस सोच की प्रक्रिया का फ़र्क होता है।

कुछ बातें, कहने वाले के मन को हल्का कर देती हैं पर सुनने वाले के दिल पर बोझ बन जाती हैं।

नजरिये का फ़र्क वैसा ही है जैसे पन्ने के इस तरफ़ का V पन्ने के उस तरफ़ से अधूरा A दिखता है।

जैसे घड़ी के काँटे घूम घूम कर समय बदल देते हैं वैसे ही अनुभव इंसान का हृदय परिवर्तित कर देता है।

परेशानियाँ ईश्वर द्वारा ली जाने वाली परीक्षाएं हैं। सबसे मुश्किल परिस्थिति से गुजरना सबसे योग्य परीक्षार्थी की पहचान है।

जैसे आशा निराशा की जननी है वैसे ही प्रयास सफलता का जनक है। 

अमित 'मौन'

Picture Credit- Google

अधूरी कविता

इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...