Monday 13 November 2017

कॉलेज की मस्ती, college ki masti

वो कालेज की मस्ती, वो बस की सीटे
वो सड़को पे उड़ाना, पानी की छीटें 

वो दोस्तों की पार्टी, वो लम्हे रंगीन थे
वो क्लास बंक करना, वो जुर्म संगीन थे

अब फोन की घंटी और फाइल का ढेर है
ऑफिस एक जंगल है, बॉस मेरा शेर है

वो बचपन के दिन, वो जवानी की मस्ती
बड़े होने की कीमत दी है, मिटायी अपनी हस्ती





    

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