इतना वक़्त गुजार दिया तूने हिन्दू और मुसलमान बनकर
अब जरा कुछ वक़्त गुजार के देख सिर्फ इंसान बनकर
कभी प्रार्थना मंदिर में की कभी दुआ की मस्जिद जाकर
कभी माँगा व्रत रख के कभी दुआ की रोज़ा रखकर
कुछ गीता का ज्ञान लिया कुछ तरीका कुरान पढ़कर
अब जरा कुछ वक़्त गुजार के देख सिर्फ इंसान बनकर
क्यों ना सीख पाया इंसानियत विद्यालय और मदरसे जाकर
कभी घूमे भगवा पहन के कभी हरे रंग में लिपटकर
ऊपर वाला भी है कहता कभी भगवान् कभी अल्लाह बनकर
अब जरा कुछ वक़्त गुजार के देख सिर्फ इंसान बनकर
कभी राज किया राजा बनके कभी शासन सुलतान बनकर
या तो जल के राख होगा या चला जायेगा शमशान मरकर
कोई फर्क नही देश और मुल्क में रहने दे इसे हिंदुस्तान बनकर
अब जरा कुछ वक़्त गुजार के देख सिर्फ इंसान बनकर
क्यों पाले नफरत दिलों में क्यों जीये यूँ घुट घुट कर
अब जरा कुछ वक़्त गुजार के देख सिर्फ इंसान बनकर
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