कुछ एहसास नए कुछ बातें पुरानी लिखते हैं
आओ हम अपनी कहानी लिखते हैं
लबों की नही दिल की जुबानी लिखते हैं
आओ हम अपनी कहानी लिखते है
दिल के समंदर में मौजों की रवानी लिखते हैं
आओ हम अपनी कहानी लिखते हैं
जिस्मों से परे एक रिश्ता रूहानी लिखते हैं
आओ हम अपनी कहानी लिखते हैं
Welcome to my Blog. I write what i saw & learn from life. Because: जो पढ़ा किताबों में, अमल में लाऊं भी तो क्या, ये जिंदगी है जनाब, फलसफ़ों से नही चलती.... Suggestions/appreciations in comment box are always welcomed. You can also read my latest writing at the following link: www.yourquote.in/amitmaun
Sunday, 24 December 2017
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अधूरी कविता
इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...

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घर के सब बच्चों के साथ पूरी मस्ती में जीते थे मिलता था जब दूध हमे सब नाप नाप के पीते थे स्कूल से वापस आते ही हम खेलने भाग जाते थे खाना जब...
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दायरों से निकलकर तुझे ख़ुद ही को आना होगा बदन पे जमी धूल तुझे ख़ुद ही को हटाना होगा परिंदों को सिखाता नहीं कला कोई उड़ान की पंख हौसलों ...
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जितना मुंह मोड़ोगी उतना पीछे आऊंगा तुम रुठ जाना मैं फिर मनाऊँगा जितनी शिकायत करोगी मैं उतना सताऊंगा तुम रूठ जाना मैं फिर मनाऊँगा जितनी दू...
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