कोई प्रेमी जब चाँद को ज़मीन पर ले आएगा
प्रेमिकाएं सितारों को अपने जूड़े में बांधेंगी
शराबी मयखाने ना जाकर आँखों से नशा करेंगे
आँसुओं से किसी अंधेरे कमरे में समंदर बहेगा
किसी के हँसने पर खिल उठेंगे सभी मुरझाए फूल
गालों में पड़ते गड्ढे भरने को जब होने लगेगी बारिश
फिर चुनरी लहराने पर पूरब से हवाएं चल पड़ेंगी
ठीक उसी पल तुम मेरा नाम लेना और फिर हिचकियाँ मुझे तुम्हारा पैगाम देंगी....
यकीन मानो ठीक उसी पल मैं अपना दिल अपनी दायीं हथेली पर निकाल कर ले आऊंगा और पास हो जाऊँगा तुम्हारे प्रेम की परीक्षा में...
पर एक वादा तुम भी करो...समय के उस चक्र तक तुम मेरा इंतज़ार करोगी....बोलो करोगी ना?
अमित 'मौन'
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