दिल है बंजर सूनी बस्ती,
कौन यहाँ अब आएगा
बादल भी जिस घर से रूठे,
बारिश कौन बुलाएगा
उम्मीदों का सूरज डूबा,
अब ना फ़िर से निकलेगा
अँधियारा फैला गलियों में,
रस्ता कौन दिखाएगा
बेचैनी हावी जब ऐसी,
एक पल भी आराम नही
जिसके मन का आँगन सूना,
चैन कहाँ अब पाएगा
हँसना रोना जिसके संग हो,
वो ही जब हो दूर हुआ
रग में जिसकी लहू ना दौड़े,
उसको कौन रुलाएगा
पलकों के आँचल में आँसू,
जाने कब के सूख गए
आँखों से अश्कों की धारा,
किसके लिए बहाएगा
दिल है बंजर सूनी बस्ती,
कौन यहाँ अब आएगा
कौन यहाँ अब आएगा....
अमित 'मौन'
Image Credit: GOOGLE
कौन यहाँ अब आएगा
बादल भी जिस घर से रूठे,
बारिश कौन बुलाएगा
उम्मीदों का सूरज डूबा,
अब ना फ़िर से निकलेगा
अँधियारा फैला गलियों में,
रस्ता कौन दिखाएगा
बेचैनी हावी जब ऐसी,
एक पल भी आराम नही
जिसके मन का आँगन सूना,
चैन कहाँ अब पाएगा
हँसना रोना जिसके संग हो,
वो ही जब हो दूर हुआ
रग में जिसकी लहू ना दौड़े,
उसको कौन रुलाएगा
पलकों के आँचल में आँसू,
जाने कब के सूख गए
आँखों से अश्कों की धारा,
किसके लिए बहाएगा
दिल है बंजर सूनी बस्ती,
कौन यहाँ अब आएगा
कौन यहाँ अब आएगा....
अमित 'मौन'
Image Credit: GOOGLE