एक शिक्षक हमें पढ़ना सिखा सकता है पर हमें क्या पढ़ना है वो हमें स्वयं तय करना है। हम सीखना चाहें तो हर पल हमको कुछ सिखाता है और ना चाहें तो किताबें भी निर्जीव वस्तु हैं।
क्योंकि इंसान को सबसे ज्यादा बुद्धिमान जीव माना गया है इसीलिए इंसान की हर दशा एक सीख देकर जाती है।
पाबंदियों के बावजूद कहीं भी पहुँचा जा सकता है, ये बात हमारा मन सिखाता है।
बढ़ना चाहो तो कोई रोक नही सकता ये हमे आँसुओं ने सिखाया।
हँसते हुए हम ये सीखते हैं कि दुनिया में बहुत कुछ अच्छा भी है।
चोट का ठीक होना ये सिखाता है कि हर दर्द का अंत निश्चित है और धूप का छाँव में बदलना तय है।
इस दुनिया में सब कुछ मुमकिन है ये हम सपनों से सीख सकते हैं।
अमित 'मौन'
सार्थक सीख।
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteबहुत बढ़िया
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteबहुत अच्छी सीख
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteइस बेहतरीन लिखावट के लिए हृदय से आभार Appsguruji(जाने हिंदी में ढेरो mobile apps और internet से जुडी जानकारी )
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
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