उस रोज हम खुशनसीब होते हैं
जिस रोज वो हमारे करीब होते हैं
अहबाब हैं बहुत जिंदगी में मेरी
उन सबमें ख़ास वो हबीब होते हैं
जब वक़्त गुजारूं सोहबत में उनकी
सब यार भी मेरे तब रक़ीब होते हैं
मेरी हर दौलत उनके होने से ही है
वो ना हों तो फिर हम गरीब होते हैं
बस पढता हूँ उनकी हर अदाओं को
उनसे दूर होकर ही हम अदीब होते हैं
रहता हूँ बस 'मौन' उनके ना होने पे
उनके बिन हर लम्हे अजीब होते हैं
जी हार्दिक आभार आपका🙏
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