कुछ सोचते सोचते
अचानक मुस्कुरा दोगी
तो पागल लगोगी।
नींद में सपने से डर कर
अचानक उठ जाओगी
तो बीमार दिखोगी।
काम-काज छोड़ कर
खिड़की पर टिकी रहोगी
तो कामचोर बनोगी।
कोई भी बहाना बनाकर
सहेलियों से अलग चलोगी
तो पक्का झूठी लगोगी।
किताबों में छुपाकर
किसी के संदेश रखोगी
कितनी डरपोक लगोगी
कपड़े लाने छत पर जाकर
घंटों बैठी बात करोगी
ऐसे तुम बेबाक बनोगी।
इतना सब करने के बाद भी
हर पल जब बेचैन रहोगी
तब जाकर प्रेमिका बनोगी।
अमित 'मौन'
बहुत सुन्दर
ReplyDeleteजी धन्यवाद आपका
Deleteउम्दा सृजन।
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपका
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