ये बात सच है कि पार्क की बेंच पर बैठे हुए तुमने अपना सिर मेरे कंधे पर झुका दिया था और तुम्हारे नर्म हाथों को अपने हाथों में लेते हुए मैंने हमेशा के लिए उन्हें थामने का वादा किया था। पर मैं अपने ही किये हुए वादे को पूरा कर पाऊं ये एक सपना है।
ये मेरा धर्म भी है और कर्तव्य भी कि मैं दुनिया से तुम्हारे लिए लड़ जाऊं और तुम्हें अपने साथ ले आऊं। पर मैं इस लड़ाई में जीत जाऊं ये एक सपना है।
मैं तुम्हारे साथ रहना चाहता हूँ ये इच्छा है। पर तुम हमेशा मेरे साथ रहोगी ये एक सपना है।
दुनिया से विदा लेकर गए लोग लौटते नही ये विधि का विधान है। पर ईश्वर किसी दिन इस नियम को ताक पर रखकर एक दूत भेजेगा जो तुम्हें हमेशा के लिए मेरे पास छोड़ जाएगा ये एक सपना है।
सपने वो नही जिन्हें कोशिश करके पा लिया जाए क्योंकि जिन्हें हम पूरा कर सकते हैं वो सिर्फ़ इच्छाएं हैं। सपने वो हैं जिनके सच होने की इच्छा में हम ज़िंदगी गुज़ार देते हैं और फ़िर सपने तो सपने हैं वो सच कहाँ हुआ करते हैं।
अमित 'मौन'
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सच है।
ReplyDeleteबिल्कुल सही।
ReplyDeleteसही कहा
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