कुछ तस्वीरें हम अपने पास नही रख सकते क्योंकि उन तस्वीरों को देखने का हक़ हम खो चुके होते हैं। कुछ सपनों की तस्वीरें नही बनाई जा सकती क्योंकि उनका कोई आकार नही होता। ऐसे में सिर्फ़ एक ही ज़रिया बचता है उन सबको देखने का और वो हैं बंद आँखें।
जिन्हें हम खुली आँखों से सबके सामने नही देख पाते उन सभी चीजों को हम बंद आंखों से कभी भी कहीं भी देख सकते हैं। आँखें बंद करके हम अपनी एक अलग दुनिया में पहुँच सकते हैं। हम अपने दुःख, दर्द, आँसू, सपने और एहसास सब कुछ इस दुनिया से छुपाकर उन बंद आँखों के पीछे रख सकते हैं, जिनसे हम और सिर्फ़ हम ही मिल सकते हैं।बंद आँखें दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह है।
अमित 'मौन'
तस्वीर साभार - गूगल
सच है
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुन्दर।
ReplyDeleteविश्व हिन्दी दिवस की बधाई हो।
हार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteसुन्दर प्रस्तुति
ReplyDeleteबेहद शुक्रिया आपका
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