बात कुछ भी नही और बात को बढ़ा के बवाल कर दिया
आज फिर मजहबी ठेकेदारों ने धरती को लाल कर दिया
घुट घुट के रहना पड़ेगा अब फिर डर के साये में
सब मुश्किल में हैं सब का जीना मुहाल कर दिया
क्या जात है क्या धर्म है यहाँ साबित करो देशभक्ति को
अब हर गुजरने वाले से बस यही एक सवाल कर दिया
कहीं प्रदर्शन कहीं आग कहीं है पत्थरों की बौछार
जरा देखो इन्होंने हर रास्ते का बुरा हाल कर दिया
कोई हरा ढूंढ़ रहा कोई भगवे की तलाश में भटक रहा
वो हाथों में तिरंगा ले आया बस उसने कमाल कर दिया
जैसा की आप सभी ने सुना होगा देश के एक हिस्से में फिर से वही बिना बात का बवाल हो रहा है जिसका कोई औचित्य नही है..
एक आम नागरिक वो चाहे किसी भी धर्म का हो ये सब नही चाहता फिर भी ये बार बार होता है और इसकी चपेट में सिर्फ आम नागरिक ही आते हैं..
इसका कारण ये है कि हम कुछ विशेष लोगों की बातों में आके इन सब का हिस्सा बनने के लिये तैयार हो जाते हैं जबकि वो विशेष लोग अपने घरों और दफ्तरों में बैठ के तमाशा देख रहे होते हैं..
क्या हमने कभी ये सोचा है कि वो जो सीमा पे खड़े होकर सिर्फ हमारे सुकून के लिये अपने परिवार से दूर होकर अपनी नींदों का त्याग करते हैं वो क्या सोचते होंगे ये सब सुनकर.. क्या उनके मन में ये ख्याल नही आता होगा की हम किसके लिये यहाँ पर अपना जीवन दांव पे लगा रहे हैं उनके लिये जो आपस में ही लड़ के मरे जा रहे हैं..
नही वो ऐसा नही सोचते पर अगर यही हाल रहा तो जल्दी ही उन्हें ऐसा सोचने पे मजबूर होना पड़ेगा..
खैर हम सभी समझदार हैं और अच्छे बुरे की पहचान रखते हैं इसलिये खुद भी समझें और अपने आस पास के लोगों को भी जागरूक करें ताकि वो किसी के बहकावे में आकर इन सब का हिस्सा ना बने.
समय देकर पढ़ने के लिये धन्यवाद🙏🙏
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