इस वीराने में भी शोर सुनाई देता है
बिन बारिश के ही मोर दिखाई देता है
बिन बारिश के ही मोर दिखाई देता है
बौराया पगलाया सा यूँ ही फिरता हूँ
अब यहाँ मुझे हर शख़्स दुहाई देता है
अब यहाँ मुझे हर शख़्स दुहाई देता है
ना जाने कैसे मर्ज़ ने घेरा है मुझको
हक़ीम मेरा नित नयी दवाई देता है
हक़ीम मेरा नित नयी दवाई देता है
ज़ुर्म मेरे की ख़बर नही है ज़ालिम को
रोज मुक़दमे में अंजान गवाही देता है
रोज मुक़दमे में अंजान गवाही देता है
झूठी इस पंचायत से अब क्या डरना
तू 'मौन' ही रह क्यों यहाँ सफाई देता है
तू 'मौन' ही रह क्यों यहाँ सफाई देता है
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