छोटी बिंदी बड़ा सा गजरा
छम छम करती उसकी पायल
सरके चूनर कांधे से जब
तिल गर्दन का करे है घायल
चले तो चूड़ी शोर मचाए
लबों की लाली करे है पागल
नज़र लगे ना उसे जहां की
मैं तोहफ़े में दे आया काजल
अमित 'मौन'
Welcome to my Blog. I write what i saw & learn from life. Because: जो पढ़ा किताबों में, अमल में लाऊं भी तो क्या, ये जिंदगी है जनाब, फलसफ़ों से नही चलती.... Suggestions/appreciations in comment box are always welcomed. You can also read my latest writing at the following link: www.yourquote.in/amitmaun
इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...
बहुत सुंदर पंक्तियां 👌
ReplyDeleteशुक्रिया आपका
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