Thursday 20 August 2020

लौटना जरूरी है

जाना ज़रूरी होता है ना चाहते हुए भी

ठीक वैसे ही जैसे जीना ज़रूरी होता है
बिना किसी जरूरत के भी।

लौट आना भी उतना ही ज़रूरी है
जितना लौटने की उम्मीद लगाए रखना
तुम भी लौट आना एक दिन
उम्मीदों की उम्र लंबी रहेगी।

लौट आना तुम भी ठीक वैसे ही
जैसे बुढ़िया लौटती है अपनी खाट पर
जैसे नदी लौट आती है अपने घाट पर।

लौट आना तुम भी ठीक उसी तरह
जैसे मुंडन के बाद लौटता है बाल
जैसे सावन लौट आता है हर साल।

तुम्हे लौटना होगा ठीक वैसे ही
जैसे खिलौना मिलने पर
लौट आती है बच्चे की मुस्कान
जैसे प्रार्थना करने पर
ख़ुशियाँ लौटा देता है भगवान।

हाँ तुम्हे लौटना ही होगा
क्योंकि लौटना जरूरी है
जाने से कहीं ज्यादा जरूरी।

अमित 'मौन'


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10 comments:

  1. बहुत सुन्दर

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    1. हार्दिक धन्यवाद आपका

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  2. जी नमस्ते ,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२२-०८-२०२०) को 'जयति-जय माँ,भारती' (चर्चा अंक-३८०१) पर भी होगी
    आप भी सादर आमंत्रित है
    --
    अनीता सैनी

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    1. हार्दिक धन्यवाद आपका

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  3. तुम भी लौट आना एक दिन
    उम्मीदों की उम्र लंबी रहेगी।
    - वाह!

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    1. बहुत बहुत धन्यवाद आपका

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  4. वाह बेहतरीन 👌

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