जाना ज़रूरी होता है ना चाहते हुए भी
ठीक वैसे ही जैसे जीना ज़रूरी होता हैबिना किसी जरूरत के भी।
लौट आना भी उतना ही ज़रूरी है
जितना लौटने की उम्मीद लगाए रखना
तुम भी लौट आना एक दिन
उम्मीदों की उम्र लंबी रहेगी।
लौट आना तुम भी ठीक वैसे ही
जैसे बुढ़िया लौटती है अपनी खाट पर
जैसे नदी लौट आती है अपने घाट पर।
लौट आना तुम भी ठीक उसी तरह
जैसे मुंडन के बाद लौटता है बाल
जैसे सावन लौट आता है हर साल।
तुम्हे लौटना होगा ठीक वैसे ही
जैसे खिलौना मिलने पर
लौट आती है बच्चे की मुस्कान
जैसे प्रार्थना करने पर
ख़ुशियाँ लौटा देता है भगवान।
हाँ तुम्हे लौटना ही होगा
क्योंकि लौटना जरूरी है
जाने से कहीं ज्यादा जरूरी।
अमित 'मौन'
PC - GOOGLE
सुन्दर सृजन
ReplyDeleteजी धन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुन्दर
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteजी नमस्ते ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा शनिवार (२२-०८-२०२०) को 'जयति-जय माँ,भारती' (चर्चा अंक-३८०१) पर भी होगी
आप भी सादर आमंत्रित है
--
अनीता सैनी
हार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteतुम भी लौट आना एक दिन
ReplyDeleteउम्मीदों की उम्र लंबी रहेगी।
- वाह!
बहुत बहुत धन्यवाद आपका
Deleteवाह बेहतरीन 👌
ReplyDeleteजी धन्यवाद आपका
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