चलते चलते अचानक
रास्ता बदल लोगे
तो भुलक्कड़ लगोगे।
दोस्तों को देखोगे
और मुँह फेर लोगे
हर पल तन्हा रहोगे।
किताबें खोल के बैठोगे
और कुछ नही पढ़ोगे
तो अनपढ़ दिखोगे।
सुबह शाम बिना वजह
किसी भी गली भटकोगे
तुम आवारा बनोगे।
साइकल खड़ी रहेगी
और तुम पैदल चलोगे
वक़्त बर्बाद करोगे।
कितना कुछ कहना होगा
पर चुप ही रहोगे
ऐसे ही गुस्सैल बनोगे।
आँखें बंद रहेंगी
पर सो ना सकोगे
अक़्सर ही बेचैन रहोगे।
किसी एक की ख़ातिर
जब इतना कुछ सहोगे
तब जाकर तुम प्रेमी बनोगे।
अमित 'मौन'
Welcome to my Blog. I write what i saw & learn from life. Because: जो पढ़ा किताबों में, अमल में लाऊं भी तो क्या, ये जिंदगी है जनाब, फलसफ़ों से नही चलती.... Suggestions/appreciations in comment box are always welcomed. You can also read my latest writing at the following link: www.yourquote.in/amitmaun
Friday, 20 November 2020
प्रेमी
P.C. : GOOGLE
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अधूरी कविता
इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...
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घर के सब बच्चों के साथ पूरी मस्ती में जीते थे मिलता था जब दूध हमे सब नाप नाप के पीते थे स्कूल से वापस आते ही हम खेलने भाग जाते थे खाना जब...
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इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...
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जितना मुंह मोड़ोगी उतना पीछे आऊंगा तुम रुठ जाना मैं फिर मनाऊँगा जितनी शिकायत करोगी मैं उतना सताऊंगा तुम रूठ जाना मैं फिर मनाऊँगा जितनी दू...
आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (22-11-2020) को "अन्नदाता हूँ मेहनत की रोटी खाता हूँ" (चर्चा अंक-3893) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
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सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
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हार्दिक आभार आपका
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुंदर रचना
ReplyDeleteहार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteबहुत सुंदर
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteप्रेम का इतना बड़ा इम्तहान...वाह अमित जी क्या खूब लिखा कि किताबें खोल के बैठोगे
ReplyDeleteऔर कुछ नही पढ़ोगे
तो अनपढ़ दिखोगे।
सुबह शाम बिना वजह
किसी भी गली भटकोगे
तुम आवारा बनोगे।...वाह
हार्दिक धन्यवाद आपका
Deleteसुन्दर
ReplyDeleteधन्यवाद आपका
Deleteहार्दिक आभार आपका
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