Saturday, 28 November 2020

भाग्यशाली

सुख और दुःख एक सिक्के के दो पहलू हैं। पर विडम्बना ये है कि कभी कभी हमारे हिस्से वो सिक्का आता है जिसके दोनों पहलू में दुःख ही छिपे होते हैं।

ऐसे में भाग्य का सिर्फ़ इतना महत्व होता है कि वो सिक्के को उछालने के बाद ज़मीन पर गिरने ही ना दे।

मैं अपने जीवन में सिर्फ़ इतना भाग्यशाली रहा कि जब मैं कोई सुखी सपना देख रहा होता हूँ तब दुःख मेरे सिरहाने बैठ कर मेरे जागने का इंतज़ार कर रहा होता है।

अमित 'मौन'


P.C.: GOOGLE


17 comments:

  1. सुन्दर प्रस्तुति

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  2. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" सोमवार 30 नवंबर नवंबर 2020 को साझा की गयी है.............. पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. वाह! बहुत खूब!

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  4. हृदय स्पर्शी उद्गार।

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  5. बढ़िया कहा ।

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  6. हार्दिक आभार आपका

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