Wednesday 28 April 2021

इच्छाशक्ति जगाए रखना

यह समय बड़ा ही मुश्किल है
भारी  भारी  सा  हर  पल   है
तुम ईश का ध्यान लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

युद्ध  बड़ा  जब  लड़ना  हो
ताकतवर से जब भिड़ना हो
तुम पूरा जोर लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब गति हृदय की बढ़ जाए
जब श्वास श्वास पर चढ़ जाए
जीने की आस लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब मन का सूरज घटता हो
और डर का साया बढ़ता हो
अपनों को गले लगाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

जब समय उचित आ जाता है
दानव  का  वध  हो  जाता  है
बस मानव धर्म बचाए रखना
इच्छाशक्ति  जगाए  रखना

अमित 'मौन'

14 comments:

  1. बहुत सुंदर

    ReplyDelete
  2. मानव धर्म बचने का आह्वान उचित ही है क्यों कि आज मानव धर्म ही नहीं बचा है ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी उचित कहा आपने... धन्यवाद आपका

      Delete
  3. आदरणीय सर, बहुत ही सुंदर और प्रेरक रचना । आपकी यह रचना सदा सामयिक रहेगी, आज की इस कोरोना-काल में भी और आगे भी । हार्दिक आभार इस सुंदर रचना के लिए ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. जी हार्दिक धन्यवाद आपका

      Delete
  4. जी हार्दिक आभार आपका

    ReplyDelete
  5. इच्छाशक्ति जगाए रखना
    सचमुच इच्छाशक्ति बहुत बड़ी चीज है इसी लिए कहते हैं जहाँ चाह वहाँ राह...चाहना या इच्छाशक्ति प्रबल रखने के लिए धैर्य जरूरी है...साथ ही विश्वास कि सब ठीक हो जायेगा ठीक तो होना ही है और ठीक ठाक समय देखना है तो ...
    जब समय उचित आ जाता है
    दानव का वध हो जाता है
    बस मानव धर्म बचाए रखना
    इच्छाशक्ति जगाए रखना
    वाह!!!
    लाजवाब सृजन।

    ReplyDelete
    Replies
    1. हार्दिक धन्यवाद आपका

      Delete

अधूरी कविता

इतना कुछ कह कर भी बहुत कुछ है जो बचा रह जाता है क्या है जिसको कहकर लगे बस यही था जो कहना था झगड़े करता हूँ पर शिकायतें बची रह जाती हैं और कवि...