ऐ खुदा बस इतना तू करम कर दे
मर चुकी है इंसानियत इंसान में
उसके दिल में थोड़ा रहम भर दे
बेगैरत हो गया है जमाना आजकल
मतलबी लोगों में थोड़ी शरम भर दे
पत्थर दिल लोग काटते है गला अपनों का
आये अक्ल उनको दिल उनका नरम कर दे
मजहब के नाम पर तमाशा करते है ये
तू ख़त्म सभी मजहब और धर्म कर दे
ऐ खुदा बस इतना तू करम कर दे
No comments:
Post a Comment