Thursday 30 November 2017

महिला सुरक्षा हमारी जिम्मेदारी, feel safe with us

बचपन में खेले थे जो खेल हमने भी वो छोड़ दिए
लड़का लड़की का फर्क बता के तुमने ही रिश्ते तोड़ दिए
बेटी हो कुछ तो शर्म करो बस लाज तुम्हारा गहना है
ऐसा हमने कहा नही ये घरवालो का ही कहना है
हम तो होतें है निश्छल सब यहीं सिखाया जाता है
नर और नारी में अंतर है ये हमे बताया जाता है
कोमल है नारी पता हमे बनके भाई रक्षा करते हैं
पति कभी और पिता कभी प्यार भी सच्चा करते हैं
ये तो नियम विधाता का कुछ पैदा राक्षस भी होते हैं
रावण मिलता है अगर कभी तो राम कृष्ण भी होते हैं
ज्यादा कुछ कहना नही हमे बस विनती यही हमारी है
थोड़ा सा बस विश्वास रखो क्योंकि दोस्त, बीवी, बहन और माँ हर रूप में आपकी रक्षा की हमने ली जिम्मेदारी है।।

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