बचपन में खेले थे जो खेल हमने भी वो छोड़ दिए
लड़का लड़की का फर्क बता के तुमने ही रिश्ते तोड़ दिए
बेटी हो कुछ तो शर्म करो बस लाज तुम्हारा गहना है
ऐसा हमने कहा नही ये घरवालो का ही कहना है
हम तो होतें है निश्छल सब यहीं सिखाया जाता है
नर और नारी में अंतर है ये हमे बताया जाता है
कोमल है नारी पता हमे बनके भाई रक्षा करते हैं
पति कभी और पिता कभी प्यार भी सच्चा करते हैं
ये तो नियम विधाता का कुछ पैदा राक्षस भी होते हैं
रावण मिलता है अगर कभी तो राम कृष्ण भी होते हैं
ज्यादा कुछ कहना नही हमे बस विनती यही हमारी है
थोड़ा सा बस विश्वास रखो क्योंकि दोस्त, बीवी, बहन और माँ हर रूप में आपकी रक्षा की हमने ली जिम्मेदारी है।।
लड़का लड़की का फर्क बता के तुमने ही रिश्ते तोड़ दिए
बेटी हो कुछ तो शर्म करो बस लाज तुम्हारा गहना है
ऐसा हमने कहा नही ये घरवालो का ही कहना है
हम तो होतें है निश्छल सब यहीं सिखाया जाता है
नर और नारी में अंतर है ये हमे बताया जाता है
कोमल है नारी पता हमे बनके भाई रक्षा करते हैं
पति कभी और पिता कभी प्यार भी सच्चा करते हैं
ये तो नियम विधाता का कुछ पैदा राक्षस भी होते हैं
रावण मिलता है अगर कभी तो राम कृष्ण भी होते हैं
ज्यादा कुछ कहना नही हमे बस विनती यही हमारी है
थोड़ा सा बस विश्वास रखो क्योंकि दोस्त, बीवी, बहन और माँ हर रूप में आपकी रक्षा की हमने ली जिम्मेदारी है।।
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