बेख़ुदी में अपनी एक अलग ही सुकूँ आया है
दिल ने आज सारे रंज-ओ-ग़म को भुलाया है
दिल ने आज सारे रंज-ओ-ग़म को भुलाया है
क़िरदारों के पीछे असली चेहरे देख लिये
वक़्त से पहले जो मंच का परदा हटाया है
जो हाथ बढ़ते थे कभी जाम पिलाने को
साकी में उसी ने ज़हर का घूँट मिलाया है
कसमें यारी की हर दफ़ा यूँ ही खाते रहे
जरा ग़ौर से देखो मुझे रक़ीबों ने बचाया है
रंगीन शामों का जिनकी चाँद गवाह था
उन महफ़िलों में आज एक सन्नाटा छाया है
वक़्त से पहले जो मंच का परदा हटाया है
जो हाथ बढ़ते थे कभी जाम पिलाने को
साकी में उसी ने ज़हर का घूँट मिलाया है
कसमें यारी की हर दफ़ा यूँ ही खाते रहे
जरा ग़ौर से देखो मुझे रक़ीबों ने बचाया है
रंगीन शामों का जिनकी चाँद गवाह था
उन महफ़िलों में आज एक सन्नाटा छाया है
वो मग़रूर जाने क्यों ग़ुरूर कर बैठे
वक़्त ने गरेबान पकड़ आईना दिखाया है
तू 'मौन' की मानिंद बस सब्र का साथ रख
गुज़रती उम्र ने जीने का फ़लसफ़ा सिखाया है
वक़्त ने गरेबान पकड़ आईना दिखाया है
तू 'मौन' की मानिंद बस सब्र का साथ रख
गुज़रती उम्र ने जीने का फ़लसफ़ा सिखाया है
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