Saturday 25 November 2017

थोड़ा बेटों से भी प्यार जताओ, beta

बेटियां प्यारी है उनपे प्यार लुटाओ
पर बेटों पे भी यूँ ना ऊँगली उठाओ

उम्मीदों की गठरी लिए फिरता है बेटा
बताता भी नही अगर कहीं गिरता है बेटा
जिंदगी की कश्मकश में उलझा है बेटा
पर चेहरे का भाव कहे कितना सुलझा है बेटा
बचपन में भले ही माँ का दुलारा है बेटा
पर वक़्त आया तो घर का सहारा है बेटा
वक़्त से पहले पहले बड़ा हो जाता है बेटा
देश के लिए सीमा पर खड़ा हो जाता है बेटा

कुछ लोगों के खातिर हर बेटे को न गलत बताओ
कभी तो शाबाशी देके थोड़ा बेटों से भी प्यार जताओ

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