ना जगाओ नींद से उस आशिक़ को
आज कई दिनों बाद सोया लगता है
कुछ आँखों में उसकी नशा भी है
मय में खुद को डुबोया लगता है
देखो गीला है तकिया भी उसका
आज तो जी भर के रोया लगता है
शायद कुछ दर्द कम हुआ है उसका
आज ही जख्मों को धोया लगता है
आज बेफिक्र है जैसे कुछ बाकी नही
इश्क़ में देखो सब कुछ खोया लगता है
बहुत बहुत धन्यवाद sir🙏🙏
ReplyDeletebahut sundar
ReplyDeleteji Shukriya Apka
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