आज सोमवार है....
पुष्पा आज जल्दी उठ गई है...उसे व्रत जो रखना है...तो चार बजे उठ कर दैनिक कार्यों से निवृत होकर नहा धोकर मंदिर में पूजा करेगी...
किसी भी तरह उसे छः बजे तक पूजा खत्म करके मंदिर से बाहर आना है क्योंकि छः बजे बच्चों को उठाकर स्कूल के लिए तैयार करना है उनके लिए नाश्ता बनाना है और सात बजे तक बच्चों के पिता जी को चाय भी देनी है...
तिवारी जी को बिस्तर पे चाय पीने की आदत है वरना उनका पेट साफ नही होता....तिवारी जी समय के बड़े पाबंद हैं...शादी के बाद आज तक कभी ऑफिस देर से नही पहुँचे..
ऊपर से सासू माँ को गर्म पानी भी देना है नहाने के लिये.. वो भी सात बजे से पहले..और हाँ ससुर जी भी पार्क से घूम के आ रहे होंगें उन्हें भी आते ही सबसे पहले हर्बल जूस देना होता है...
पर ये क्या...पुष्पा तो उठ के खड़ी भी नही हो पा रही.. अच्छा हाँ वो कल तिवारी जी ने पति होने का हक जताया था ना..कल रात का खाने में थोड़ी देर हो गयी थी और उनकी एक लात से पुष्पा मेज पर ही गिर गयी थी...तो शायद उसके पैर में चोट लग गयी होगी...पर इसमें नया क्या है वो तो अक्सर ऐसे ही मारते हैं...पर पुष्पा को बिल्कुल बुरा नही लगता क्योंकि सहारनपुर वाली मौसी ने समझाया था कि पति के चरणों मे स्वर्ग होता है... और स्वर्ग की प्राप्ति तो हर किसी का मकसद है....
थोड़ी बहुत चोट लग भी गयी तो क्या हुआ...चोट का बहाना बनाकर अपने कामों से जी थोड़ी चुरा सकती है....चोट तो लगती रहती है..वो काम ही ऐसे करती है कि तिवारी जी गुस्सा आ जाता है....और वैसे भी ये सब तो उसी के काम हैं उसी को करने हैं इसीलिये तो शादी करके इस घर मे लायी गयी है...काम करके किसी पे एहसान थोड़ी करती है...
और हाँ व्रत रखा है तो पूजा भी जरूरी है..आखिर बारह साल की उम्र से रखती आ रही है..माँ ने बताया था बेटी सोमवार का व्रत रखने से अच्छा पति मिलता है....शायद माँ ने ठीक कहा था...कितना अच्छा परिवार मिला है....
दो वक्त की रोटी....तन ढकने के कपड़े...कुछ नये रिश्ते...ढेर सारी जिम्मेदारियां...और सबसे बड़ी बात दो सुंदर से बच्चे मिले.. और क्या चाहिए एक बहू को....
पुष्पा बहुत खुश है अपनी ससुराल में...पुष्पा की माँ ने सबको बताया है...
खैर, आज फिर सोमवार है..आज व्रत है....
ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 06/09/2018 की बुलेटिन, कली कली से, भौंरे भौंरों पर मँडराते मिलेंगे - ब्लॉग बुलेटिन “ , मे आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !
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